राम नाम के हीरे मोती में बिखराऊँ गली गली
कृष्ण नाम के हीरे मोती में बिखराऊँ गली गली
लेलो रे कोई रामका प्यारा शोरमचाऊँ गली गली
लेलो रे कोई श्यामका प्यारा शोरमचाऊँ गली गली,
माया के दिवानो सुनलो एक दिन ऐसा आएगा
धनदौलत ओर माल खजाना यही पड़ा रहजायेगा
सुंदर काया मिटटी होगी चर्चा होगी गली गली
लेलो रे कोई श्यामका प्यारा शोरमचाऊँ गली गली,
क्यों करता तू मेरा मेरी यहाँ तेरा मकान नहीं
झूठे जगमे फॅसा हुआँ है वहसच्चा इंसान नहीं
जगका मेला दोदिन का है अंतमें होगी चला चली
लेलो रे कोई श्यामका प्यारा शोरमचाऊँ गली गली,
जिस जिसने यहाँ मोती लुटे वहतो मालामाल हुए
धन दौलतके बने पुजारी आखिर वह कंगाल हुए
चांदी सोने वाले सुनलो बात सुनाऊँ खरी खरी
लेलो रे कोई श्यामका प्यारा शोरमचाऊँ गली गली,
दुनिया को तू कब तक पगले अपनी कहलायेगा
ईश्वर को तू भूल गयाहै अंत समय पछतायेगा
दो दिनका यहाँ चमन खिलाहै फिर मुर्झाये कली कली
लेलो रे कोई श्यामका प्यारा शोरमचाऊँ गली गली,
-रामकृष्ण भजन,
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