Wednesday, August 21, 2019

जमुना के तट पर || Jamuna Ke Tat Par Lyrics || Bhajan Lyrics

जमुना के तट पर कभी पगथर पे छबि तेरी भाये
होके जुदा मुजसे प्रिय कभी तुम्हे चेन आता  हे
सारे  व्रज  में  रहता  हूँ  मिलने  को  तरसता हूँ
मुझसेमिली मेंदीवानी बनी तूमेरे सपनोंकी रानीबनी

आजा मोहन आजा यमुना तीरे चुपकेसे आजातु धीरे
दर्शन कोतेरे जियाये तड़पे करके बहाना तू चलीआना
छोड़ के नजाना क्या दूर जाके दिल मुझे भूल जाना हे
तेरी  याद  सताती  हे मुझे  बहोत  सताती  हे,...(२)

आंखो मे तुहि बसी हे मुझे  बहोत रुलाती  हे
आंखो मे तुहि बसी हे प्रिय बिन तेरे कैसे बिताये
कोई भी जाने ना हालत हे पागल बना देगी मुझे
किसीकी मिली हे मुझे ये सजा तड़पाती हे,...(२)

अब चुप रहना बीत गई रैना तेरे बिना कृष्ण
होके जुदा मुजसे प्रिया कभी तुम्हे चैन आता हे,..

-राधाकृष्ण भजन,

No comments:

Post a Comment