देवायत पंडित दा'डा दाखवे ,सुन लो देवलदे सतिनार ,
हमारे गुरु ने आगम कहा ,जुठडा नहीं लगार ,
लिखा कहा सोइ दिन आएगा , ऐसे आगम के ऐंधान ,,,,देवायत पंडित
पहले पहले पवन फुकेगा , नदी में नहीं होगा नीर ,
उत्तर दिशा से साहेब आएगा , मुखे हनुमो वीर ,,,,देवायत पंडित
धरती माथे हेमर चलेगा , सुना नगर मोजार ,
लक्ष्मी लुटेगी लोगो तनी , नही कोई राव नही फरियाद ,,,,देवायत पंडित
पोरो आयो संतो पाप को , धरती मांगे भोग ,
किसीको खड्ग से सहारेंगे , किसीको मारे रोग ,,,,देवायत पंडित
जूठा पुस्तक जूठा पानिया , जूठा काजी का कुरान ,
असलजादी चूड़ी पहनेगी , ऐसे आगम के ऐंधान ,,,,देवायत पंडित
कांकरिया तलाव तम्बू लगायेंगे , सो सो गांव की सिम ,
रूडी दिशा रढ़ियाली , साथ में अर्जुन भीम ,,,,देवायत पंडित
जति,सती,साबरमती , वहा होंगे शुरो के संग्राम ,
कायम कलिंगा को मारेंगे , नकलंक धरेंगे नाम ,,,,देवायत पंडित
कलियुग उथापि सतयुग स्थपेगा , होगी जगत को जाण
देवायत पंडित बोलिया , ऐसे आगम के ऐंधान ,,,,देवायत पंडित
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