लेते जाना रे हरी का नाम थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा
हरी बोल हरी बोल हरी बोल हरी हरी हरी बोल
सब धनवान गरीब हे पहुंचे मोत के पास
वो नर ही धनवान हे जो हरी के हे दास...लेते जाना
तोमें अवगुण के सिवा नहीं भलाई और
हरी नाम वो मन्त्र हे मिले स्वर्ग में ढौर...लेते जाना
दीपक जलता रात भर जब तक रहता तेल
जीवनकी हर स्वासमें तू रामनाम सो खेल..लेते जाना,
-कृष्ण भजन,
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