राधे कृष्ण राधे कृष्ण सुन जरा
राधे कृष्ण राधे कृष्ण बोल जरा
राधा को चुन लिया कृष्ण ने
बंसी की धुन पर मोह में
बून लिया प्रीत के धागो में
में अपने साथ लिया बंसी में
बेकरार रहने लगा राधिका
मोहन का मन यादो मे
जन्मो का हे ये सीलसिला
खो गया हे वो ख्वाबो में
कैसा हाल हे ना ख्याल हे
बन गया हु दीवाना में
नन्दगांव का वृजके प्यारका
बन गया हे अफसाना ये
प्रेम से बोल के श्रीं कृष्ण
राधे इनका पूछो पता रे
सार ही व्रज में लो ओ कृष्ण
यद् तेरी बहोत आती हे
पर याद बहोत तेरी कान्हा
के हमको बहोत रुलाती रे
प्रीत का नहीं टूटता धागा
सिलसिला तेरा ओ कृष्ण रे
देखो तो जरा इनको हे मिला
प्यार का सिला सब जाने रे
तू ही बता तेरे तो बिना एक
तुम बिना एकपल बिता जाये रे
-राधाकृष्ण भजन,
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