कहे सहदेव जोशी हम नही रहेंगे पांडवो
ऐसा कलियुग आयेगा ,
जो जगा मेरा हंस बिराजता
वहा बग आसान लगायेगा ,
सति नारी की लज्जा लुपेगी
गुणिका घूंघट तानेगी ...कहे सहदेव
सोने की थाली में ब्राह्मण खाते
वो तो दिया दान नव लेते ,
आज के ब्राह्मण घेर घेर भटके
भिक्षा मांगी लाएगा ...कहे सहदेव
ब्राह्मण वाणिया चोरी करेंगे
बावा दुकानू मांडेगा ,
सगा भाई का अच्छा देखके
आँखे अंगारा आएगा ...कहे सहदेव
सालो आये तो अच्छा लागे
भाई आवे तो वेरी ,
बेन भाणेज, कछु ना पावे
साली साड़ी ले जावेगी ...कहे सहदेव
ब्राह्मण घेर तो अजिया दूजे
धोबी घेर गावलडी ,
नीच के घर तुलसी का क्यारा
उच्च वरण वहा जायेगा ...कहे सहदेव
बेटा बाप का कहा ना माने
पुत्र विवाह कर घर आएगा ,
विवाह के बाद पाचवे , दाहड़े
पिया के वचने चलेगा ...कहे सहदेव
बेटी के पेसो बाप शादी करेगा
ऐसा कलियुग आयेगा ,
वड पीपल और बेवड़ा रुखड़ा
मूल से मूल खा जायेगा ...कहे सहदेव
पांच पांडव हस्तिनापुर से
हिमालय हाड गालेगा ,
सहदेव जोशीने आगम कहा
जियेगा वो नर देखेगा ...कहे सहदेव
No comments:
Post a Comment